FASCINATION ABOUT BHOOT KI KAHANI

Fascination About bhoot ki kahani

Fascination About bhoot ki kahani

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Bhoot ki kahani

बहुत पुरानी बात है तब पानी के ज्यादा शाधन नहीं हुआ करते लोग कुए बाबड़ी तालाब आदि से पानी पिया करते थे! तो यह कहानी […]

और अपने अपने मन में महामृत्युंजय का जाप करने लगे। टीचर ने बोला कि यहां पर कोई बातचीत नहीं करेगा। जब तक कि सुबह ना हो जाए । हम लोग एक हफ्ते के बाद पिकनिक से लौटकर । जब स्कूल में सबसे मिले । तो यह घटना सबको बता दी ।

हमने बोला कि ठीक है । रात में मेरे सारे मित्र मेरे घर आए आज तो पांचवा आदमी भी खिड़की से अंदर आकर बैठ गया । साथ में ताश खेला और बीड़ी भी पिया जब खेल खत्म हो गया । तो वह खिड़की से बाहर जाने लगा तभी मैंने आवाज दी काका कल फिर से आओगे । उसने कुछ नहीं बोला ।इतना सब होने के बाद उसने हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था। हमारे एक मित्र ने उसके मुंह पर टॉर्च जलाई ।

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चुड़ैल की कहानी और पंडित जी यह एक अंधेरी और तूफानी रात थी. बारिश ज़ोरों से हो रही थी और हवाएं तेज़ चल रही थीं. […]

तो मैंने देखा कि जैसे कोई सफेद साड़ी पहनकर,बाल खोलकर,लाल कलर की लाली लगाकर, जोर-जोर से हंस रही थी। मैने डर के मारे आंख नीचे कर लि.और नीचे देखने लगी। तभी कोई के चिल्लाने की आवाज आई.

भूत प्रेतों से जुड़ी तीन सच्ची कहानियां

हमें आशा है की आपको हमारे ब्लॉग पर लिखी गयी horror tales for youths in hindi पसंद आई होगी। इस लेख में हम क़ोसिश करेंगे रोज नए नए horror story in hindi, hindi tales of ghost, Bhoot pret ki sachi kahaniyan लिखने की ताकि आपको रोज कुछ नया पड़ने को मिले।

ये किस्सा रीवा जिले का हैं। हम जनता कॉलोनी में रहा करते थे। यही पर हमारी एक बिलडिग थी, इस बिल्डिंग को पामेल बिल्डिंग के […]

इतने में और घना अंधेरा छा गया अंधेरा इतना था । कि एक हाथ को दूसरा हाथ दिखाई नहीं दे रहा था। इतने में ट्रेन आ गई ।और बिजली रह-रहकर चमक रही थी।

उस आदमी का चेहरा ही गायब था। रमेश वहां से भागकर वेटिंग रूम में आ गया। उसने जो देखा था, उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। वह फिर से कुछ देर बाद उसी जगह पर चेक करने गया तो उसने देखा कि वहां कोई भी नहीं था। बस उसका शॉल गिरा हुआ है।

बहुत पहले की बात है,कोई पचास साल पहले राजस्थान के किसी गांव में एक चरवाहा रहता था। वह कुछ अपनी, कुछ दूसरों की भेड़ बकरियां चरा कर गुजारा करता था। खेती उसके पास थी तो किन्तु बस नाम ...

और उस दिन के बाद से मैंने कभी भी अनजान लोगों से मिलना और बात करना बंद कर दिया।

दोस्तों यह कहानी पिछले वर्ष की है कोरोना काल चल रहा था, और मेरी तबीयत कुछ खास नहीं थी तो एक बहुत पढे लिखे वैद्य […]

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